करदाताओं द्वारा

करदाताओं द्वारा सामान्यत: 80सी से संबध्द इंस्ट्रूमेंट में दिसंबर या जनवरी में निवेश करने की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
आमतौर पर परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) और बीमा प्रदाता इन्हीं दो महीनों में कर बचत योजनाओं की घोषणा करते हैं। म्युचुअल फंडों की बात की जाए तो, पांच फंड हाउस ने पिछले महीने इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) को बाजार में उतारा।

इनमें एडिलवाइस म्युचुअल फंड, क्वांटम म्युचुअल फंड, भारती एक्सा म्युचुअल फंड, आईडीएफसी म्युचुअल फंड और जेपी मोर्गन म्युचुअल फंड शामिल हैं। इन योजनाओं की घोषणा के बाद ओपन-एंडेड ईएलएसएस का आंकडा 35 पर पहुंच गया है।

ईएलएसएस फंड का चुनाव करना उस समय काफी कठिन हो जाता है, जब खासकर वितरक या कोई प्रतिनिधि जल्दबाजी में फंड बेचने की कोशिश करता है।

लेकिन ईएलएसएस का चुनाव करने से पहले इसकी सही जानकारी को टटोलने के लिए यहां हम कुछ अहम तथ्यों को उजागर कर रहे हैं कि ताकि इन योजनाओं में सही तरीके से निवेश किया जा सके।

ईएलएसएस इक्विटी-डाइवर्सिफाइड  फंड है जिसकी  लॉक-इन अवधि 3 साल की होती है। इस योजना में निवेश करने वाले आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेश के आधार पर आयकर में 1 लाख रुपये तक की आय पर छूट का लाभ उठा सकते हैं।

अधिकांश निवेश सलाहकार इस योजना में निवेश की सलाह देते हैं क्योंकि लॉक-इन अवधि के कारण फंड प्रबंधकों को उनकी सक्षमता समय पर साबित करने में मदद मिलती है।

साथ ही इस योजना में निवेशकों के लिए भारी बचत का प्रावधान होता है क्योंकि इसमें तरलता की कोई कमी नहीं होती है।

इस फंड का एक अन्य असरकारक नजरिया यह है कि आप इसमें सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के तहत निवेश कर सकते हैं और ढेर सारी कर सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं, जिसमें शून्य दीर्घकाल पूंजी बढ़ोतरी का भी समावेश है।

हालांकि, ईएलएसएस में निवेश करने से पहले यह सबसे अहम है कि आप इसकी कुछ महत्त्वपूर्ण विशेषताओं को जान जाएं।